नगरपालिका के विरोध में १८ अगस्त को चाईबासा में विशाल जुलुस

प्रशासन ने नगरपालिका क्षेत्रों से राजस्व गावों को हटाने के लिए महीने का समय लिया था२३ जुलाई को समय समाप्त हो गया किन्तु प्रशासन की ओर से कोई करवाई होने से हो समाज महासभा आंदोलित हो गया हैगावों के दौरे शुरू हो गए हैंग्राम पुराना चाईबासा में सभा में महासभा ने अपनी बात रखते हुए कहा की जानवरों को भी दस बार हांक देने से उन्हें समझ में जाता है की कहाँ से घूमना है और कहाँ से नहींचाईबासा नगरपालिका के विरुद्ध हम आदिवासियों का आन्दोलन पिछले ३० वर्षों से चला आ रहा है किन्तु इसे प्रशासन अभी तक नहीं समझ पा रहा है। यह अत्यंत दुःख की बात है। प्रशासन पूंजीपतियों के इशारे पर एक साजिश को अंजाम दे रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है की यहाँ के उपायुक्त को न हमारी भाषा आती है और न हमारी धर्म-दस्तूर एवं संस्कृति, जिसके संरक्षण एवं संवर्धन के लिए इस पद का सृजन अंग्रेजों के समय में हुआ था। वास्तव में यह लड़ाई भी जल, जंगल, एवं जमीन की ही लड़ाई है, अपने स्वशासन के अधीन स्वायत्ता की लड़ाई है। सभी १३ गावों से पारंपरिक हथियारों के साथ ग्रामीण मंगला हाट परिसर में जमा होंगें और जुलुस की शकल में चाईबासा शहर का भ्रमण करेंगे। नगरपालिका का विस्तारीकरण बंद करो, जिला प्रशासन होश में आओ, आबुआ दिशुम आबुआ राज आदि नारों के साथ जिला प्रशासन को चेतावनी दी जाएगी। मांगें नहीं मानने की स्तिथि में यह आन्दोलन धरना प्रदर्शनों से होते हुए चक्का जाम, आसह्योग आन्दोलन, पदाधिकारी हटाओ अभियान, आर्थिक नाकेबंदी तक जाएगी। यह आन्दोलन हो समाज महासभा के बैनर तले किया जा रहा है।

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