जुलुश इतिहासिक रूप से सफल रहा। क्या बच्चे क्या बूढ़े, पुरे १३ गावों के सभी ग्रामीण रैयत पारंपरिक हथियारों के साथ जुलुश में शामिल हुए। कोल्हान के इतिहास में इतनी बड़ी भीड़ आज तक लोगों ने नहीं देखी। तक़रीबन ५ की.मी.की जुलुश थी। पूरा चाईबासा घंटे भर के लिए ठहर सा गया था। सभी रोड जुलुस से पटा हुआ था। महासभा के आंकलन में ३-४ हजार लोग आयेंगे किन्तु जुलुस में आये लोग कई हजार से भी ज्यादा थे। पहली बार लगा हो समाज जाग चूका है और अब अपने अधिकारों के लिए आगे बढ़ रहा है। अब जल्दी से जल्दी नगरपालिका क्षेत्र से गावों को हटाने की प्रक्रिया होने वाली है। प्रशासन इसे अब मान लिया है। यह एकता की जीत ही कही जा सकेगी।
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