कोल्हान की मानकी मुंडा व्यवस्था का मकसद

कोल्हान में जो सामाजिक व्यवस्था है उसकी मंशा है की -गाँव की स्वशासन व्यवस्था को बचे रखना है। २- मानकी एवं मुंडा सीधे कोल्हान अधीक्षक एवं असिस्टेंट एजेंट (उपायुक्त) के संपर्क में रहे ताकि कोई भ्रष्टाचार न पनपे। ३- आदिवासी जनों को सीधा एवं सरल न्याय तथा वादों एवं समस्याओं का निदान तुरंत खुले आसमान के नीचे हतु दुनुब (ग्राम सभा) में हो। ४- किसी भी बाहरी आदमी(दिकु) का गाँव में स्थाई प्रवेश न हो। ५- गाँव समाज की शर्तों यानि हुकूक्नमा (मानकी या मुंडा) के आधार पर विकास हो तथा आदिवासी समाज की सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, नैतिक, एवं अध्यात्मक मूल्यों को कोई नुकसान न हो। ६- गाँव समाज में में शांति एवं सुशासन कायम रहे. क्या बर्तमान झारखण्ड पंचायती राज अधिनियम २००१ इसकी गारंटी देता है? कभी नहीं.

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