कहाँ हमें गुमराह किया गया

प्रेस में खबरें आई की पेसा कानून के तहत चुनाव होंगेकोर्ट कहती है आरक्षण निति वैध है, और झारखण्ड सरकार झारखण्ड पंचायती राज अधिनियम २००१ के तहत चुनाव की अधिसूचना जारी करती है, सो सच्चाई क्या है? झारखण्ड सरकार ने लोगों को प्रेस के माध्यम से गुमराह किया की यह पंचायत चुनाव पेसा एक्ट १९९६ के तहत हो रहे हैं, परन्तु ऐसी बात नहीं है, क्योंकि पंचायत चुनाव वास्तव में झारखण्ड पंचायती राज अधिनियम २००१ के तहत किये जा रहे हैं।

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