सुप्रीम कोर्ट क्या कहती है ?

झारखण्ड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को गुमराह करते हुए तर्क दिया की झारखण्ड पंचायत आरक्षण अधिनियम २००१ के अलोक में पंचायत चुनाव की अनुमति दी जाय और सुप्रीम कोर्ट ने आदेश संख्या ४४ में झारखण्ड पंचायत आरक्षण अधिनियम २००१ को संविधानिक वैध ठहराते हुए पंचायत चुनाव का आदेश दिया। आश्चर्य हुआ की इस एक्ट के बारे में किसी ने पहले कभी नहीं सुना था। इसीलिए सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत सुप्रीम कोर्ट से जवाब माँगा गया की क्या झारखण्ड पंचायत आरक्षण अधिनियम २००१ नाम की कोई कानून केंद्र या राज्य में है ? तो वहां से जवाब आया, नहीं, ऐसा कानून भारत देश के अन्दर विद्यमान नहीं है, हाँ झारखण्ड पंचायत राज अधिनियम २००१ है। ये है सच्चाई।

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