संविधानिक दृष्टि में कोल्हान के आदिवासियों के हितों की रक्षा पर समालोचना-४

5 - संविधान के आर्टिकल 46 के अनुसार यह व्यवस्था है की राज्य सरकार को कमजोर वर्गों के शैक्षणिक तथा आर्थिक उन्नति के लिए अनिवार्य रूप से विशेष ध्यान देना है, तथा खास तौर पर आदिवासियों को अनिवार्य रूप से सामाजिक अन्याय तथा सभी प्रकार के शोषण से बचाना हैइस सन्दर्भ में कहना है की आदिवासी छात्र छात्राओं को छात्रवृति समय पर नहीं मिलती है, वर्ष ख़त्म होने के बाद दूसरे वर्ष में मिलता हैइस कारण उक्त रूपए उचित उपयोग में नहीं आता हैआदिवासी छात्राओं के लिए आवासीय विद्यालय भवनों को अभी तक ढंग से नहीं बनाया गया और तो और आदिवासी छात्रावास में सुरक्षा के लिए संतोषजनक प्रबंध भी नहीं किया गया हैजो इस बात को प्रमाणित करती है की सरकार की निति इस ओर उदासीन हैसामाजिक तथा शैक्षणिक उन्नति के लिए आदिवासियों के बीच से दारू, हंडिया आदि का विक्री बिलकुल बंद कर देना चाहिए था, पर सरकार चाहती है की आदिवासी के लोग इसी में डूबे रहें इसीलिए नशा बंदी कानून पहले बना था, लागू हुआ लेकिन फिर हटा दिया गया, जो सरकार की नीति की कमजोरी का प्रमाण है

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