सारना धर्म में मूर्ति पूजा का कोई स्थान नहीं होता है, यदि ऐसा है तो समझ जाना की वो परिवार का झुकाव दूसरे समाज और संस्कृति की ओर है। समझो वह बगड़ा हो गया। वो हमसे बिचड़ रहा है। आदिवासी हो समाज में मूर्ति पूजा(मुर्तु बोंगा) सिर्फ बडम हर एड: में एवं हर-जंटा बोंगा(शैतान व कुशक्तियों) को भगाने की क्रियाओं को करने के उपरांत ही किया जाता है।
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