सरना कोड पर भावी रणनीति

1४ अप्रैल २०१२ को मोराबादी रांची में आहूत "सरना धर्म कोड सह पांचवी अनुसूची अनुपालन महारैली" के पश्चात् गृह मंत्री पी०चिदम्बरम, भारत सरकार एवं झारखण्ड के राज्यपाल से वार्ता हुई है. उन दोनों ने सकारात्मक पहल का आश्वासन दिया है. इस बीच "अखिल भारतीय सरना धार्मिक एवं सामाजिक समन्यवय समिति" की समीक्षात्मक बैठक जो सरना धर्म गुरु बंधन तिग्गा की अध्यक्षता में सरना स्थल मोराबादी में हुई थी, में निर्णय हुआ है की सरकार पर जरुरत के अनुसार हम आदिवासी जब तक सरना कोड नहीं मिल जाता आन्दोलन को और तेज बनाय रखेंगे. इस निमित छतीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, एवं असम में भी सरना कोड हेतू विशाल महारैलियाँ आयोजित की जाएगी. विभिन्न राज्यों में महारैलियाँ आयोजित होने के बाद आगामी वर्ष २०१३ का अंतराष्ट्रीय आदिवासी दिवस ९ अगस्त २०१३ को नई दिल्ली में मनाने का भी निर्णय लिया गया. सरना कोड मिलने पर दिल्ली की महारैली जश्न रैली के रूप में होगी अन्यथा अपनी ताकत दिखा कर आदिवासी २०१४ के लोकसभा चुनाव में सत्तादारी पार्टी को पलटने का एलान करेगी. छतीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और असम राज्यों से भी सरना कोड, पांचवी अनुसूची तथा आदिवासी भाषाओँ को आठवीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए उलगुलान होगा. ओडिशा में संथाल, उरांव, हो एवं मुंडा आदिवासियों की अच्छी संख्या है और रौरकेला में ही वर्षा के बाद एक बड़ी महारैली का आयोजन किया जायेगा. इस बीच सरकार से वार्ता करने के लिए एक वार्ताकार ग्रुप बनाया गया जिसमे श्री बंधन तिग्गा, राजकुमार पाहन, मुकेश बिरुआ, जसाई मार्डी, विश्वनाथ तिर्की, प्रो.सुनील हंसदा, प्रो.श्रीमती प्रमिला सोरेन, वेल्खस कुजूर, चिंकू मुंडा, विनोद भगत, अशोक भेदिया, सत्यनारायण सिंह भोक्ता, तथा सुनील महाली शामिल किये गए. सरना कोड नहीं मिलने तक हम आदिवासी चैन से नहीं सोयेंगे और जरुरत पड़े तो कई कड़े कदम उठाने से भी पीछे नहीं हटेंगे.

Comments

Anonymous said…
Aap Sabhi Ko Hamari Taraf Se Shubhkamnayein!!!!
Anonymous said…
Aap Sabhi Ko Hamari Se Bahut Saari Shubhkamnayein!!!!
Mukesh Birua said…
धन्यबाद!